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आज वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण समारोह में विभिन्न देशों से कई बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। इस संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण विशिष्ट ढंग से किया गया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु है। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है। इस परिसर को पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आध्यात्मिक एवं सुखद अनुभूति हो।

आज वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण समारोह में विभिन्न देशों से कई बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। इस संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण विशिष्ट ढंग से किया गया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु है। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है। इस परिसर को पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आध्यात्मिक एवं सुखद अनुभूति हो।
आज वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण समारोह में विभिन्न देशों से कई बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। इस संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण विशिष्ट ढंग से किया गया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु है। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है। इस परिसर को पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आध्यात्मिक एवं सुखद अनुभूति हो।

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